गांव की शराब दुकान अपराध की जड़
जलगांव में 8 साल की बच्ची की लाश मिलने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। लोग कह रहे हैं कि अगर गांव में शराब दुकान न होती तो मासूम जिंदा होती। पुलिस ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा दस्ता तैनात कर दिया है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि शराबी ने रेप के बाद उसे मारा है।
जबलपुर के पनागर तालाब में पीड़ित बच्ची का शव मिलने के बाद आक्रोश
जबलपुर।
जलगांव में 8 साल की बच्ची की लाश मिलने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। लोग कह रहे हैं कि अगर गांव में शराब दुकान न होती तो मासूम जिंदा होती। पुलिस ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा दस्ता तैनात कर दिया है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि शराबी ने रेप के बाद उसे मारा है।
शव मिलने के बाद गुस्साए लोगों ने शराब दुकान में आग लगा दी थी। तोड़फोड़ भी की। बुधवार को चार घंटे तक जबलपुर-खमरिया रोड पर शव रखकर जाम लगा दिया था। मां ने बताया कि बच्ची को आंगन से ही उसे कोई उठा ले गया। घर के पास नशे में धुत होकर कई लोग घूम रहे थे। अगर शराब दुकान यहां से नहीं हटी तो ऐसा होता रहेगा। मां बोली,आज मेरी बच्ची के साथ ऐसा हुआ है,कल किसी और की बच्ची शिकार हो सकती है।बच्ची के लापता होते ही करीब 15 से 20 लोग उसे तलाश रहे थे। कुछ लोग तालाब पर भी गए थे, लेकिन वहां बच्ची नहीं थी। रात में अचानक ही बच्ची का शव तालाब में मिला सन्देह है कि किसी ने बच्ची के साथ गलत काम करके उसकी हत्या की फिर शव तालाब में फेंक दिया। आरोप है कि बच्ची की हत्या कर शव छिपाकर रखा गया। रात में शव को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से तालाब में फेंक दिया गया। घटना की सूचना पनागर पुलिस को दी, लेकिन पुलिस एक घंटे तक मौके पर नहीं आई। बिना पूछताछ किए पुलिसकर्मी चले गई। जब रात में ग्रामीणों ने शराब दुकान में तोड़फोड़ करते हुए आग लगाई, तो पुलिस तुरंत आ गई।
-पहले भी किया था विरोध
शराबी रोजाना यहां हंगामा करते हैं। किसी भी कीमत पर यहां शराब दुकान नहीं चलने दी जाएगी। गांववालों का कहना है कि जलगांव में शराब दुकान खोलते समय भी विरोध किया गया था, लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। शराब दुकान के पास ग्राम पंचायत भवन है। सुबह से ही यहां शराबियों का जमावड़ा रहता है। इस कारण महिलाएं शासन की योजनाओं की जानकारी लेने भी नहीं जा पातीं। यही नहीं, शराब दुकान के पास आंगनबाड़ी में भी असामाजिक तत्वों की भीड़ रहती है। यह बच्ची भी रोजाना आंगनबाड़ी जाती थी।