विस्तारा की आखिरी उड़ान आज, कल से एयर इंडिया समूह में होगी शामिल
फुल सर्विस एयरलाइन विस्तारा सोमवार को अपनी आखिरी उड़ान भरेगी। मंगलवार से एयरलाइन एयर इंडिया समूह में शामिल हो जाएगी।
फुल सर्विस एयरलाइन विस्तारा सोमवार को अपनी आखिरी उड़ान भरेगी, और मंगलवार से यह एयर इंडिया समूह में शामिल हो जाएगी। इस विलय के साथ ही भारतीय एयरलाइन कारोबार में फुल सर्विस एयरलाइन की संख्या घटकर केवल एक रह जाएगी। विस्तारा का संचालन टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच संयुक्त उद्यम रूप में हो रहा था। अब एयर इंडिया के साथ विलय के बाद नई इकाई में भी सिंगापुर एयरलाइन की 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
विलय के बाद पहले महीने में विस्तारा की टिकट वाले 1,15,000 से ज़्यादा यात्री एयर इंडिया के नाम से उड़ान भरेंगे। समूह ने भरोसा दिया है कि विस्तारा का अनुभव नहीं बदलेगा। विलय के साथ ही विस्तारा एयरलाइन के फ्लाइट कोड के आगे 2 जुड़ जाएगी। एयर इंडिया ने घोषणा की है कि विस्तारा के जैसा ही उत्पाद और सेवा अनुभव लोगों को आगे भी उपलब्ध रहेगा। बदलाव में मदद के लिए हवाई अड्डों पर हेल्प डेस्क कियोस्क स्थापित किए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर लगी साइनेज और सूचना यात्रियों को सही चेक-इन डेस्क तक ले जाएगी। विस्तारा संपर्क केंद्र निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एयर इंडिया के प्रतिनिधियों को कॉल पुनर्निर्देशित करेगा। विस्तारा के लॉयल्टी सदस्यों को एयर इंडिया कार्यक्रम में स्थानांतरित किया जाएगा।
कैसे हुई विस्तारा की शुरुआत-
वर्ष 2012 में जब मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने विदेशी एयरलाइनों को घरेलू एयरलाइन में 49त्न तक की हिस्सेदारी हासिल करने की अनुमति दी, तो इससे जेट एयरवेज को खाड़ी एयरलाइन एतिहाद से 24त्न हिस्सेदारी हासिल हुई थी। उसी दौरान टाटा समूह के नेतृत्व में एयरएशिया इंडिया और विस्तारा का भी उदय हुआ। विस्तारा पिछले दस वर्षों में भारतीय विमानन क्षेत्र में परिचालन शुरू करने वाली एकमात्र पूर्ण-सेवा एयरलाइन रही है। हालाँकि, हाल के वर्षों में किंगफिशर और एयर सहारा जैसी एयरलाइन्स, जिन्हें जेटलाइट के नाम से भी जाना जाता है, ने अपनी सेवाएँ बंद कर दी हैं। 25 साल तक परिचालन करने वाली जेट एयरवेज को वित्तीय समस्याओं के कारण अप्रैल 2019 में ग्राउंडेड कर दिया गया था और अब इसे बंद करने की तैयारी है। विस्तारा की शुरुआत जनवरी 2015 में हुई थी। एयरलाइन में सिंगापुर एयरलाइंस की 49 प्रतिशत और टाटा समूह की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।