वोटिंग कल, पोलिंग के लिये चुनाव के सिपाही रवाना
लोकतंत्र के महापर्व चुनाव को सम्पन्न कराने के लिये आज मतदान दल अपने बूथ की ओर रवाना हो गए। शुक्रवार को वोटिंग समाप्त होने तक प्रत्येक दल मुस्तैद रहेगा और अपनी जिम्मेदारी पूर्ण करेगा।
टीमों का ईएवीएम लेकर मतदान केंद्र पहुंचने का सिलसिला जारी
लोकतंत्र के महापर्व चुनाव को सम्पन्न कराने के लिये आज मतदान दल अपने बूथ की ओर रवाना हो गए। शुक्रवार को वोटिंग समाप्त होने तक प्रत्येक दल मुस्तैद रहेगा और अपनी जिम्मेदारी पूर्ण करेगा। सभी दल आज शाम तक अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे। इससे पूर्व जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्विद्यालय परिसर में मतदान दलों को चुनाव सामग्री के साथ ईवीएम और वीवीपेट मशीन वितरित करने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों व जिलानिर्वाचन अधिकारी दीपक सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह की मौजूदगी में सुबह 4.30 बजे स्ट्रांग रूम खोले गए। मतदान दलों को ईवीएम और वीवीपेट मशीनों सहित मतदान कराने के लिए सभी जरूरी सामग्री का वितरण कृषि विश्वविद्यालय परिसर से किया गया। मतदान सामग्री प्राप्त करने के बाद मतदान दलों की मतदान केंद्रों के लिये रवानगी भी प्रारंभ हो गई।
विधानसभावार लगाईं टेबल-
मतदान दलों को मतदान सामग्री के वितरण के लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय परिसर में जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिये अलग-अलग वितरण केंद्र बनाये गये हैं। प्रत्येक वितरण केंद्र पर उतनी ही टेबल लगाई गई हैं जितने मतदान केंद्र उस विधानसभा क्षेत्र में हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार जबलपुर की आठों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के मतदान दलों को मतदान सामग्री का वितरण सुबह 7.30 बजे से प्रारंभ हुई। मतदान दलों को सामग्री वितरण के लिये मतदान केंद्र वार टेबल लगाई गईं। मतदान अधिकारी अपने मतदान केंद्र से सबंधित टेबल के सामने लगी कुर्सी पर बैठकर ईवीएम, वीवीपेट और सभी जरूरी सामग्री प्राप्त करेंगे और वहीं प्राप्त सामग्री का मिलान किया।
गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं-
सामग्री का वितरण के लिये करीब 850 कर्मचारियों को तैनात किया गया है। जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक मतदान दलों को सामग्री का वितरण के लिये करीब 850 कर्मचारियों को तैनात किया गया है। सामग्री वितरण के लिये तैनात इन कर्मचारियों को बकायदा प्रशिक्षण भी दिया गया। कहीं कोई चूक न हो इसके लिये मतदान सामग्री वितरण की रिहर्सल भी की जा चुकी है। सामग्री वितरण के दौरान इन कर्मचारियों की मदद के लिये मास्टर ट्रेनर्स और सेक्टर अधिकारी भी वितरण स्थल पर मौजूद रहे। मतदान के बाद मतदान दलों से मतदान सामग्री वापस प्राप्त करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं कर्मचारियों की होगी। जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक सक्सेना पूरे समय जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय परिसर में मतदान सामग्री वितरण का निरीक्षण करते रहे। मौके पर मौजूद अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश देते रहे।
मॉक पोल: नियम और प्रॉसेस-
मतदान दलों के पीठासीन अधिकारियों को अपने-अपने मतदान केंद्र में वास्तविक मतदान प्रारंभ करने के डेढ़ घंटे पहले माक पोल (दिखावटी मतदान) कराना होगा। निर्वाचन आयोग के मुताबिक माक पोल में कम से कम 50 मतों का होना चाहिए और इसे उम्मीदवारों के मतदान अभिकर्ताओं की मौजूदगी में कराना होगा। पीठासीन अधिकारी को माक पोल के परिणामों से मतदान अभिकर्ताओं को अवगत कराना होगा। निर्वाचन आयोग के मुताबिक पीठासीन अधिकारी मॉक पोल प्रारम्भ करते समय कम से कम दो अभ्यर्थियों के मतदान अभिकर्त्ता उपस्थित रहना चाहिए। यदि माक पोल के समय कोई भी मतदान अभिकर्त्ता उपस्थित न हो, ऐसी स्थिति में पीठासीन अधिकारी अधिक से अधिक 15 मिनट माक पोल शुरू करने के लिये प्रतीक्षा कर सकता है, और यदि तब भी कोई मतदान अभिकर्त्ता नहीं आते हैं तो पीठासीन अधिकारी मॉक पोल शुरू कर सकते हैं। माक पोल में यह सुनिश्चित करना होगा कि मतदान प्रकोष्ठ में सभी अभ्यर्थियों के लिए मत डाले गए हैं।निर्वाचन आयोग के अनुसार माक पोल प्रारंभ करने के पहले ईवीएम की बैलेट यूनिट तथा वीवीपेट को मतदान प्रकोष्ठ में रखना होगा, जबकि ईवीएम की कंट्रोल यूनिट को पीठासीन अधिकारी अथवा उस मतदान अधिकारी के टेबल पर रखना होगा, जो बैलट यूनिट और वीवीपेट मशीन सही प्रकार से जोड़ने के बाद कंट्रोल यूनिट का इस्तेमाल करेगा। माक पोल में डाले गये मतों का अभिलेख पीठासीन अधिकारी अथवा मतदान अधिकारी को रखना होगा। माक पोल की वीवीपेट की पर्चियों को भी इनके पीछे के भाग में माक पोल पर्ची" की रबर सील लगानी होगी और इन पर्चियों को मोटे काले कागज के लिफाफे में रखकर पीठासीन अधिकारी की सील से मुहरबन्द कर और हस्ताक्षर कर सुरक्षित रखना होगा।