एमपी बड़वानीः गांवों में घुसा बांध का पानी,मेधा पाटकर का जल सत्याग्रह, पुनर्वास की मांग तेज
सरदार सरोवर बांध का जल स्तर बढ़ने से पानी गांवों में घुस गया है सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में जल सत्याग्रह शुरू कर दिया मेधा पाटकर ने दावा किया कि बीते साल सरदार सरोवर क्षेत्र में जल स्तर बढ़ने से सैकड़ों गांव और खेत तबाह हो गए. इस साल भी हालात उसी तरह है. जिसमें हजारों घर तबाह हो गए.
नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) की अगुवाई करने वालीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में जल सत्याग्रह शुरू कर दिया। मेधा पाटकर का आरोप हैं कि सरदार सरोवर बांध का जल स्तर बढ़ने से पानी गांवों में घुस गया है और इसको लेकर उन्होंने वे एनबीए के अन्य साथियों के साथ सरदार सरोवर बांध के गेट तत्काल खोलने और विस्थापित परिवारों के पूर्ण पुनर्वास की मांग को लेकर जल सत्यग्रह पर बैठीं हैं, और उन्होंने समस्या का समाधान निकलने तक ‘जल सत्याग्रह’ जारी रखने की चेतावनी दी है
नियमों के उल्लंघन का आरोप
केंद्रीय जल आयोग की नियमावली और नियमों का उल्लंघन करते हुए सरदार सरोवर बांध का जलस्तर अवैध रूप से बढ़ाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर बांध का जलस्तर 135 से 136 मीटर तक पहुंच गया है तथा ओंकारेश्वर बांध के फाटक शुक्रवार रात को खोल दिए गए। पाटकर ने कहा जबकि ऐसी स्थिति में सरदार सरोवर बांध के सभी फाटक खोल दिए जाने चाहिए थे और जलस्तर को 122 मीटर पर प्रबंधित किया जाना चाहिए था। उन्होंने दावा किया कि न केवल अत्यधिक बारिश के कारण बल्कि इलाके के जलस्तर में वृद्धि के कारण भी घर तबाह हो गए हैं।
विस्थापन का दर्द
पिछले कई वर्षों से वे विस्थापन की मार झेल रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा किए गए वादे अधूरे हैं। कई प्रभावित परिवार आज भी उचित पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं। किसानों की जमीनें डूब चुकी हैं, जिससे उनकी आय के स्रोत खत्म हो गए हैं।मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के हजारों ग्रामीण प्रभावित हुए हैं। पिछले वर्ष भी मानसून के दौरान इसी प्रकार से 170 गांव प्रभावित हुए थे, जिनका पुनर्वास अभी तक अधूरा है।