सतनाः किसानों ने जब पटवारी को पकड़ाए कम रुपए, तब पटवारी ने मोबाईल पर दिखा दी अपनी रेट लिस्ट 

मध्यप्रदेश के सतना जिले से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें एक पटवारी को किसानों से पट्टा बनवाने के एवज में रिश्वत लेते हुए साफ तौर पर देखा जा सकता है।

Apr 15, 2025 - 16:56
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सतनाः किसानों ने जब पटवारी को पकड़ाए कम रुपए, तब पटवारी ने मोबाईल पर दिखा दी अपनी रेट लिस्ट 
When farmers caught the Patwari giving less money then the Patwari showed his rate list on mobile

मध्यप्रदेश के सतना जिले से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें एक पटवारी को किसानों से पट्टा बनवाने के एवज में रिश्वत लेते हुए साफ तौर पर देखा जा सकता है। हालांकि यह वीडियो लगभग पांच दिन पुराना बताया जा रहा है, लेकिन इसके वायरल होते ही प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।

सतना जिले की कोठी तहसील में एक पटवारी का रिश्वत लेते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में पटवारी शिवेन्द्र सिंह को जमीन के पट्टे बनवाने के बदले किसानों से पैसे लेते हुए साफ देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो करीब पांच दिन पुराना है।

सतना जिले की कोठी तहसील से एक पटवारी का रिश्वत लेते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। वीडियो में दिखाई देता है कि पटवारी गांव के एक घर के बाहर बैठा हुआ है, तभी एक किसान आकर उसे 4 हजार रुपये देता है। लेकिन पटवारी इस रकम को कम बताते हुए लेने से मना कर देता है और कहता है, "बताओ न यार, बार-बार यही बात हो रही है... अच्छा नहीं लगता, संकोच होता है।"

बातचीत के दौरान पटवारी चार किसानों के पट्टों के बदले 15 हजार रुपये की मांग करता है और यह राशि वह अपने मोबाइल पर लिखकर दिखाता है। किसान द्वारा बाद में 13 हजार रुपये देने और बाकी राशि बाद में देने की बात पर वह रकम स्वीकार कर लेता है। यह पूरा वाकया किसान ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किया।

बताया गया कि पीड़ित किसान ने सबसे पहले यह वीडियो तहसीलदार को भेजा था, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उसने सोमवार को वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। इसके बाद राजस्व विभाग में हलचल मच गई।

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह वीडियो करीब पांच दिन पुराना है। कुछ अधिकारियों ने इस मामले को दबाने की कोशिश की थी, लेकिन जब बात नहीं बनी तो किसान ने खुद आगे आकर यह मामला सार्वजनिक कर दिया। अब सबकी नजर प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी है।