PMAY की किश्त मिली तो ग्राम पंचायत का सचिव मांगने लगा रिश्वत
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मंडला जिले के एक आदिवासी का मकान स्वीकृत हुआ और उसे योजना के तहत पहली और दूसरी किश्त की राशि मिली तो ग्राम पंचायत का सचिव रिश्वत के लिए परेशान करने लगा।

4000 की घूस लेते लोकायुक्त की टीम ने किया पंचायत सचिव को ट्रैप
जबलपुर/मण्डला- प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मंडला जिले के एक आदिवासी का मकान स्वीकृत हुआ और उसे योजना के तहत पहली और दूसरी किश्त की राशि मिली तो ग्राम पंचायत का सचिव रिश्वत के लिए परेशान करने लगा। पीड़ित ने इसकी शिकायत जबलपुर के लोकायुक्त एसपी से की तो पूरे मामले की जांच करने के बाद जबलपुर की लोकायुक्त टीम ने आरोपी को घेराबंदी कर दबोच लिया। दरअसल यह मामला मंडला जिले के ग्राम पंचायत खुक्सर के वन ग्राम डुंगरिया का है। लोकायुक्त टीम के मुताबिक वन ग्राम डुंगरिया में रहने वाले खिलौन सिंह पन्द्रों ने जबलपुर के लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से शिकायत की कि उसके पिता के नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान स्वीकृत हुआ है जिसकी प्रथम और द्वितीय किश्त की राशि प्राप्त हो चुकी है, इसके भुगतान प्राप्त करने के उपज में ग्राम पंचायत खुक्सर का सचिव 51 वर्षीय संतोष कुमार झारिया रिश्वत देने के लिए परेशान कर रहा है। लोकायुक्त की टीम ने जाल बिछाया और आवेदक को ग्राम पंचायत सचिव द्वारा मांगी जा रही 7000 की रिश्वत के बदले 4000 की पहली किश्त देने के लिए राजी किया।
तयशुदा प्लान के मुताबिक लोकायुक्त के दल ने आवेदक खिलौन सिंह पन्द्रों को 4000 की राशि देकर आरोपी को देने के लिए भेजा। आवेदक ने जैसे ही शुक्रवार को मंडला जिले के फूल सागर के पास स्थित राम सैयाम1 की चाय की दुकान पर बैठे ग्राम पंचायत सचिव संतोष कुमार झरिया को 4000 की घूस की रकम दी तभी लोकायुक्त में उसे रंगे हाथों दबोच लिया। लोकायुक्त ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन) 2018 की धारा 7, 13(1)B, 13(2) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। ट्रैप की इस कार्यवाही में इंस्पेक्टर कमल सिंह उइके, इंस्पेक्टर श्रीमती मंजू किरण तिर्की, इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव और दल के अन्य सदस्य मौजूद थे। लोकायुक्त अधिकारियों के मुताबिक पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त श्री योगेश देशमुख के भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश को देखते हुए जबलपुर जिले में घूसखोर सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है।