कब होगा तीसरा विश्व युद्ध और कब आएंगे एलियंस, ब्राजील के भविष्य वक्ता नास्त्रेदमस ने बताया
दुनिया में कई भविष्यकता हुए हैं जिनकी भविष्यवाणियों पर आज भी लोग यकीन करते हैं। बुल्गारिया की बाबा वेंगा और फ्रांस के भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस का नाम प्रसिद्ध भविष्यकर्ताओं में शामिल है। ब्राजील के 37 साल के भविष्य वक्ता एथोस सैलोमे की तुलना नास्त्रेदमस की जाती है।
दुनिया में कई भविष्यकता हुए हैं जिनकी भविष्यवाणियों पर आज भी लोग यकीन करते हैं। बुल्गारिया की बाबा वेंगा और फ्रांस के भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस का नाम प्रसिद्ध भविष्यकर्ताओं में शामिल है। ब्राजील के 37 साल के भविष्य वक्ता एथोस सैलोमे की तुलना नास्त्रेदमस की जाती है। एथोस सैलोमे द लिविंग नास्त्रेदमस के नाम से मशहूर हैं। उन्होंने कई भविष्यवाणियां की हैं, जो सच साबित हो चुकी हैं।
एथोस सैलोमे कोरोना वायरस, रूस-यूक्रेन युद्ध और क्वीन एलिजाबेथ की मौत की भविष्यवाणी कर चुके हैं, जो सच साबित हुई हैं। इसकी वजह से इनकी तुलना 16वीं शताब्दी के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस से की जाती है। अब उन्होंने अपने नए दावे से दुनियाभर के वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया है। उन्होंने बताया है कि एलियन की खोज कब तक हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने तीसरे विश्व युद्ध की भी भविष्यवाणी की है। एथोस सैलोमे ने दावा किया है कि आने वाले चार साल में एलियन जीवन की खोज हो जाएगी। इसलिए मानव को एलियन को देखने और उसके साथ रहने के लिए तैयार रहना चाहिए। ब्राजील के रहने वाले एथोस सैलोमे की उम्र 37 साल है।
तीसरे विश्व युद्ध के दिए संकेत-
एथोस सैलोमे ने एक वेबसाइट से बातचीत में तीसरा विश्व युद्ध शुरू होने के संकेत दिए हैं। उन्होंने बताया कि साल 2028 तक एलियंस के वास्तविकता बनने के लिए इंसान को तैयार रहना चाहिए। सैलोमे का कहना है कि आने वाले सालों में उम्मीद है कि जीवन और मानव सभ्यता की हमारी समझ को नया रूप मिलेगा।
जानिए कहां होगी एलियन की खोज?
एथोस सैलोमे का दावा है कि वे जैविक अन्वेषण में एक नया मोर्चा' कहते हैं, जो साल 2026 और 2028 के बीच आएगा। उन्होंने दावा किया है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के बीच कोशिश एक अभूतपूर्व खोज का खुलासा करेगी। यह एक एलियन जीवन की उपस्थिति होगी, जो पहले कभी नहीं दिखा होगा। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण रहस्य का खुलासा यूरोपस महासागरों की गहराई में होगा और बृहस्पति के चंद्रमाओं में से एक पर, जहां शोधकर्ताओं को जैविक जटिलता दिखाने वाले सूक्ष्मजीवों का सामना करना पड़ेगा। सैलोमे का कहना है कि जीव विज्ञान में पहले कभी इन जीवन रूपों को नहीं देखा गया होगा। उन्होंने कहा कि ये संस्थाएं जीवन के बारे में हमारी समझ को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। वह इस बात के प्रमाण के तौर पर कार्य करते हैं कि जीवन उन जैव रासायनिक परिस्थितियों में वातावरण में पनप सकता है जिनके बारे में हम जानते हैं।