रैगिंग पीड़ित छात्र से 30 लाख की रिकवरी क्यों...हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब किया तलब, इंदौर के एमजीएम कॉलेज का मामला

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस एसए धर्माधिकारी की बैंच ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। जिसमें हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि छात्र अनुसूचित जनजाति वर्ग का है और निर्धन भी है।

Nov 16, 2024 - 15:53
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रैगिंग पीड़ित छात्र से 30 लाख की रिकवरी क्यों...हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब किया तलब, इंदौर के एमजीएम कॉलेज का मामला
Why 30 lakhs were recovered from a ragging victim student High Court issued notice and sought reply case of Indore's MGM College

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। 

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस एसए धर्माधिकारी की बैंच ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। जिसमें हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि छात्र अनुसूचित जनजाति वर्ग का है और निर्धन भी है। तो उससे 30 लाख रूपए की रिकवरी क्यों की जा रही है। मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार सहित अन्य से 18 नवंबर तक दस्तावेज के साथ जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। 

दरअसल याचिकाकर्ता एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स का अनुसूचित जनजाति वर्ग का छात्र है। उसे इस हद तक रैगिंग का सामना करना पड़ा कि उसने कोर्स छोड़ने का फैसला कर लिया था। लेकिन इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन ने सीट छोड़ने के लिए दंड के रूप में 30 लाख रूपए की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने मांग के नियमों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 के विपरीत बताया। 

याचिकाकर्ता के अधिकवक्ता आदित्य संघी ने तर्क दिया कि एमपी मेडिकल कॉलेज में सीट छोड़ने के बांड की शर्तों के लिए 30 लाख की मांग के कारण 7 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। जनवरी 2024 में संसद में पहले ही इस मामले पर चर्चा हो चुकी है, और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने एमपी राज्य सरकार को 30 लाख रूपए की शर्तों को तुरंत वापस लेने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई के बाद मध्य प्रदेश सरकार सहित निदेशक चिकित्सा शिक्षा और डीन एमजीएम मेडिकल कॉलेज को 18 नवंबर तक एनओसी के साथ मूल दस्तावेज लौटाने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट को बताया गया कि पीड़ित छात्र अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित है, और वह बहुत मेधावी होने के साथ बहुत गरीब है। तर्को को सुनने के बाद कोर्ट ने संबंधितों से जवाब मांगा है।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।