विनेश फोगाट पर क्यों बरसे योगेश्वर दत्त..?
साल 2024 में काफी चीजों ने सुर्खियां बटोरीं। बीते महीने हुए पेरिस ओलम्पिक ने भी अपने नाम इस साल कई किस्से अपने नाम किये। सबसे ज्यादा आग जिस मामले ने पकड़ी वो था विनेश फोगट के फाइनल से बाहर होना।
साल 2024 में काफी चीजों ने सुर्खियां बटोरीं। बीते महीने हुए पेरिस ओलम्पिक ने भी अपने नाम इस साल कई किस्से अपने नाम किये। सबसे ज्यादा आग जिस मामले ने पकड़ी वो था विनेश फोगाट के फाइनल से बाहर होना। कई लोगों ने विनेश का समर्थन भी किया तो कई ने आलोचना भी कि। ऐसे मै हाल ही में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने विनेश फोगाट की आलोचना की है। उनका कहना है कि पेरिस ओलंपिक में अयोग्य करार दिए जाने के बाद विनेश ने बाहर हो जाने की जिम्मेदारी नहीं ली, बल्कि दूसरों को अपनी अयोग्यता के लिए दोषी ठहराया। लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले योगेश्वर ने कहा कि अगर उन्हें अयोग्य घोषित किया जाता तो वह पूरे देश से माफी मांगते। हालांकि, विनेश के ऐसा नहीं करने पर योगेश्वर ने निराशा जताई है।
योगेश्वर ने बताया कि वह हैरान रह गए जब विनेश ने अपनी ओलंपिक अयोग्यता को लेकर साजिश के आरोप लगाने शुरू कर दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि विनेश ने इस मामले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराया। योगेश्वर ने कहा, उन्हें ओलंपिक से अयोग्य घोषित किया गया था, और उन्हें माफी मांगनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने इसे एक साजिश बताया और यहां तक कि प्रधानमंत्री को भी दोषी ठहराया। सभी जानते हैं कि अयोग्यता का निर्णय सही था। यह टिप्पणी विनेश द्वारा भारतीय ओलंपिक संघ और उसकी अध्यक्ष पीटी उषा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने के कुछ दिन बाद आई है। विनेश ने खेल पंचाट में अपील के दौरान आईओए की आलोचना की थी, क्योंकि उन्हें पर्याप्त कानूनी समर्थन नहीं मिला। हालांकि, सीएएस ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया। विनेश ने कहा था कि सरकार और आईओए को मामले में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए थी, जबकि बाद में हरीश साल्वे ने विनेश के कुछ आरोपों का खंडन किया।
विनेश ने देश में गलत माहौल बनाया-
योगेश्वर ने यह भी आरोप लगाया कि विनेश ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अधिकारियों, जैसे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध के दौरान पहलवानों को भड़काया। विनेश ने देश में गलत माहौल बनाया और विरोध के दौरान लोगों को गलत तरीके से इकठ्ठा करने के लिए प्रेरित किया। अगर मैं उनकी जगह होता, तो मैं देश से माफी मांगता।