क्यों गुड फ्राइडे पर मनाते हैं शोक...इसके पीछे की कहानी

गुड फ्राइडे ईसाई धर्म मानने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। भले ही इसे गुड फ्राइडे कहा जाता है। लेकिन इस दिन को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ईसाई लोग चर्च में प्रेयर करते हैं और इस साल आज यानी 29 मार्च 2024 को गुड फ्राईडे मनाया जा रहा है।

Mar 29, 2024 - 16:13
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क्यों गुड फ्राइडे पर मनाते हैं शोक...इसके पीछे की कहानी
Why do we mourn on Good Friday...the story behind it
क्यों गुड फ्राइडे पर मनाते हैं शोक...इसके पीछे की कहानी
क्यों गुड फ्राइडे पर मनाते हैं शोक...इसके पीछे की कहानी
क्यों गुड फ्राइडे पर मनाते हैं शोक...इसके पीछे की कहानी
क्यों गुड फ्राइडे पर मनाते हैं शोक...इसके पीछे की कहानी
क्यों गुड फ्राइडे पर मनाते हैं शोक...इसके पीछे की कहानी

गुड फ्राइडे ईसाई धर्म मानने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। भले ही इसे गुड फ्राइडे कहा जाता है। लेकिन इस दिन को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ईसाई लोग चर्च में प्रेयर करते हैं और इस साल आज यानी 29 मार्च 2024 को गुड फ्राईडे मनाया जा रहा है। आईए इस दिन के इतिहास के बारे में जानते हैं। 
गुड फ्राइडे का दिन मुख्य रूप से ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह से संबंधित है। ईसाई धर्म के अनुसार ईसा मसीह ने दुनिया को प्रेम का संदेश दिया। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या फिर ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। 

क्यों मनाते हैं गुड फ्राइडे-

ईसाई धर्मग्रंथों के अनुसार, रोम में ईसा मसीह काफी लोकप्रिय थे। तब वहां के दूसरे धर्म के गुरुओं को अपनी लोकप्रियता कम होने का डर सताने लगा। तब यहूदी शासकों ने प्रभु यीशु पर राजद्रोह का आरोप लगाया और मृत्यूदंड की सजा सुनाई। इस दौरान ईसा मसीह को कई तरह की यातनाएं दी और फिर उन्हें सूली पर लटका दिया गया।  माना जाता है कि जिन दिन प्रभु यीशु ने अपने प्राण त्यागे थे, उस दिन शुक्रवार था। साथ ही यह भी मान्यता है कि अपनी मौत के दो दिन बार यानी रविवार के दिन ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए। इसलिए हर साल ईस्टर सन्डे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को गुड फ्राईडे मनाया जाता है। 

ऐसे मनाते हैं-

गुड फ्राइडे के दिन लोग चर्च जाकर प्रार्थना करते हैं और प्रभु यीशु के बलिदान को याद करते हैं। साथ ही इस दिन लोग प्रभु ईसा से अपने गलतियों के लिए माफी भी मांगते हैं और प्रभु यीशु के बताए मार्ग पर चलने की शपथ लेते हैं। इस दिन काले कपड़े पहनकर प्रभु यीशु के प्रति शोक प्रकट करने की परम्परा है। इस दिन चर्च में न तो घंटी बजती है और न ही कैंडिल जलाई जाती है। 

गुड फ्राईडे: जबलपुर में भी निकाली गई दुखमयी क्रूस यात्रा-

गुड फ्राईडे के अवसर पर शुक्रवार को ईसाई धर्मावलंबियों ने क्रूस की दुखमयी यात्रा निकाली। जिसमें प्रभु येशू मसीह को कोढे मारते हुये क्रूस पर लटकाये जाने की आज्ञा देने का दृश्य दिखाया गया। यात्रा में शामिल संजय मैथ्यू ने बताया कि रोमन राज्यपाल पिलातूस ने अपने सैनिकों को गुड फ्राईडे के दिन आदेश दिया था कि प्रभू येशू मसीह को कोढ़े मारते हुये क्रूस पर लटका दिया जाये। प्रभू येशू पर हुये अत्याचार और क्रूरता को इस यात्रा के माध्यम से दिखाया गया और उनके संदेशों को जनजन तक पहुंचाया गया। इस मौके पर रोजर डेविड ने येशू मसीह, सुप्रिया माइकल ने माता मरियम, जोसफ नरोन्हा ने पिलातुस, एश्ली स्वामी ने पेतृस, एल्विन एंथोनि ने सिरनी सियोन का किरदार निभाया। इसके निर्देशक बर्नाड जॉर्ज, मेकअप थॉमस जोसेफ, स्टीफन एंथोनी, प्रभा फ्रांसिस, मोनिका जॉन, लॉरेन्स मैसी, डेविड फ्रांसिस, एन. पॉल रहे।