जबलपुर के भेड़ाघाट में नगर तथा ग्राम विकास प्राधिकारी की नियुक्ति क्यों नहीं 

भेड़ाघाट में नगर तथा ग्राम विकास प्राधिकारी की नियुक्ति न किए जाने के रवैये को जनहित याचिका के जरिये चुनौती दी गई है। हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति अचल कुमार पालीवाल की युगलपीठ के समक्ष सोमवार को मामले की सुनवाई हुई।

Jul 3, 2024 - 16:37
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जबलपुर के भेड़ाघाट में नगर तथा ग्राम विकास प्राधिकारी की नियुक्ति क्यों नहीं 
Why is there no appointment of Town and Village Development Authority in Bhedaghat of Jabalpur

हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर मांगा जवाब 

द त्रिकाल डेस्क।

भेड़ाघाट में नगर तथा ग्राम विकास प्राधिकारी की नियुक्ति न किए जाने के रवैये को जनहित याचिका के जरिये चुनौती दी गई है। हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति अचल कुमार पालीवाल की युगलपीठ के समक्ष सोमवार को मामले की सुनवाई हुई। प्रारंभिक तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन, प्रमुख सचिव राजस्व, आवास एवं पर्यावरण विकास विभाग, संभागायुक्त, कलेक्टर, जबलपुर, आयुक्त सह संचालक नगर एवं ग्राम निवेश विभाग, अतिरिक्त तहसीलदार व सीएमओ भेड़ाघाट नगर परिषद सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए 16 अगस्त तक का समय दिया है। जनहित याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता पूनम आनंद की ओर से पक्ष रखा गया। दलील दी गई कि मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम की धारा-38 और मास्टर प्लान के अनुसार भेड़ाघाट में नगर तथा ग्राम निवेश प्राधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए थी। किंतु अब तक ऐसा नहीं किया गया है। लिहाजा, भेड़ाघाट का विकास कार्य मास्टर प्लान के अनुरूप समुचित तरीके से नहीं हो पा रहा है। वर्तमान व पूर्व अध्यक्ष-पार्षद और उनके स्वजन आदि की कार्यप्रणाली पर ठोस अंकुश सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है। जिनके ऊपर मास्टर प्लान को ठीक से लागू कराने का दारोमदार था, वे भूमि के दुरुपयोग में प्रवृत्त हो गए हैं। नगर परिषद के दस्तावेजों में अनेक प्रकार की त्रुटियां परिलक्षित हो रही हैं।