पेड़ों की कटाई से क्यों हटाया प्रतिबंध, इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे

मध्य प्रदेश सरकार ने 53 प्रजातियों के वृक्षों की कटाई और परिवहन पर लगी रोक हटा दी है।

Dec 6, 2024 - 17:51
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पेड़ों की कटाई से क्यों हटाया प्रतिबंध, इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे
Why the ban on cutting trees has been lifted, its consequences will not be good

पेड़ों की कटाई से क्यों हटाया प्रतिबंध, इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगेसरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश सरकार ने 53 प्रजातियों के वृक्षों की कटाई और परिवहन पर लगी रोक हटा दी है। इससे अब पेड़ों की कटाई और उनका परिवहन बड़े पैमाने पर होने की संभावना है। इस संबंध में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। 

याचिकाकर्ताओं ने चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच को बताया कि इस मामले में दायर याचिका को इंदौर खंडपीठ ने खारिज कर दिया है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे बड़ी बेंच में स्थानांतरित कर सुनवाई करने का आदेश दिया।

-किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं

जबलपुर निवासी विवेक कुमार शर्मा और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दायर याचिकाओं में कहा गया कि प्रदेश सरकार ने सितंबर 2015 में जारी अधिसूचना के माध्यम से 53 प्रजातियों के वृक्षों की कटाई और परिवहन के लिए आवश्यक अनुमति के प्रावधान को समाप्त कर दिया है। इस आदेश के तहत निजी भूमि पर स्थित वृक्षों की कटाई और परिवहन के लिए अब किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इससे पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई होगी, जिससे पर्यावरण पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

-याचिकाकर्ता बोले, सुको के आदेश पर ध्यान नहीं दिया

याचिकाकर्ताओं के वकील अंशुमान सिंह ने कोर्ट को बताया कि पेड़ों की कटाई और परिवहन पर रोक न होने से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है, जिसका मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है।सुनवाई के दौरान सरकार और हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से युगलपीठ को जानकारी दी गई। याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ध्यान नहीं दिया। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद इंदौर हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश की वैधानिकता पर बड़ी बेंच बेंच द्वारा सुनवाई करने का आदेश जारी किया। याचिका पर अगली सुनवाई 16 दिसम्बर को निर्धारित की गयी है।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।