MP News:विदाई के बाद भी मॉनसून फिदा,27 जिलों में होगी बारिश
प्रदेश में दो सिस्टम एक्टिव होने की वजह से कई जिलों में हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने इंदौर-उज्जैन संभाग में बारिश होने की संभावना जताई है।रविवार को रतलाम, मंदसौर, नीमच सहित मालवा के कई इलाकों में जमकर बारिश हुई|
मध्यप्रदेश (MP) में बारिश का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। वर्तमान समय में प्रदेश में दो सिस्टम एक्टिव होने की वजह से कई जिलों में हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने इंदौर-उज्जैन संभाग में बारिश होने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक,अरब सागर में लो प्रेशर एरिया के साथ मानसून ट्रफ की एक्टिविटी है। इसके चलते दक्षिण-पश्चिमी हवाएं नमी ला रही हैं, जिसके चलते बारिश हो रही है।
मालवा में जमकर हुई बारिश
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए 27 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश (Rain) की चेतावनी दी है। रविवार को रतलाम, मंदसौर, नीमच सहित मालवा के कई इलाकों में जमकर बारिश हुई।मौसम विभाग ने अनुसार 14 अक्टूबर को बुरहानपुर, खंडवा, अलीराजपुर, झाबुआ, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, बैतूल, खरगोन, बड़वानी, धार, हरदा, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, पांढुर्ना, सीहोर, नर्मदापुरम, शिवपुरी, जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। इस दौरान बिजली गिरने और कुछ इलाकों में आंधी चलने की भी संभावना है।
किसान डूबे चिंता में
प्रदेश में बेमौसम हो रही बारिश (Rain) से किसानों पर संकट आ गया है. मानसून में भी भारी बारिश झेल चुके किसान अब फिर से बादल बरसने से चिंता में डूब गए हैं। बारिश के कारण खेतों में पक कर कटने के लिए तैयार खड़ी फसलें बर्बाद हो रही हैं। बारिश से सोयाबीन, मक्का और धान की फसल में बड़े पैमाने पर खराब हो सकती है। बदले मौसम के साथ ही सर्दी का एहसास बढ़ गया है।
20 अक्टूबर से ठंडी होंगी रातें
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 15 अक्टूबर तक हल्की बारिश के बाद ये सिलसिला पूरी तरह से थम जाएगा। और 20 अक्टूबर से मध्यप्रदेश में रात के मौसम (Weather) में ठंडक महसूस होने लगेगी। माना जा रहा है कि दिवाली तक रात के तापमान में खासी गिरावट देखने को मिलेगी और इसके बाद गुलाबी ठंड का एहसास होने लगेगा।
क्यों हो रही बारिश ?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अरब सागर के साथ बंगाल की खाड़ी और उससे सटे भूमध्यरेखीय हिंद महासागर में उच्च दबाव के चलते साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन राह है, जिसकी वजह से बंगाल की खाड़ी से कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है. इसी के असर से मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मौसम (Weather) का मिजाज बदला-बदला सा है.