जो हमको लाए हैं हम उनको लाएंगे
वो सब जानता है। वो अजर है अमर है अविनाशी है। वो सर्वज्ञानी है। संतोषी है। विघ्नहर्ता है। वो निर्माता है। वो संहारक है। वो कण कण में व्याप्त है। वो हर दिशा में है। ऐसा वो कहते हैं। वो ये भी कहते हैं कि वो सबको देख रहा है।
वो सब जानता है। वो अजर है अमर है अविनाशी है। वो सर्वज्ञानी है। संतोषी है। विघ्नहर्ता है। वो निर्माता है। वो संहारक है। वो कण कण में व्याप्त है। वो हर दिशा में है। ऐसा वो कहते हैं। वो ये भी कहते हैं कि वो सबको देख रहा है। वो सब सुन सकता है। उसके पास एक्स रे मशीन है। वो तुम्हारे अंदर झांक कर सब देख सकता है। वो मन की बात पढ़ लेता है। आप मनुष्य को भ्रम में रख सकते हो। तरह तरह के कपड़े पहन सकते हो। तरह तरह के चश्मे लगा सकते हो। टोपी पहन सकते हो। इससे प्रजा आपके नए नए रूपकों से प्रभावित हो जाती है। आप गरीबों को खाना खिला सकते हो। गरीबों को कपड़े पहना सकते हो। मगर वो तो सब देख रहा है। उसे मालूम है कि तुम्हारे कर्म कैसे हैं। तुम कितने खुराफाती हो। तुम कितने झूठे हो। तुम कितना गिर सकते हो। तुम्हारे अंदर कितनी घृणा है। कितने षडयंत्र तुम्हारे अंदर पनप रहे हैं। वो तुम्हें देख सकता है। तुम्हें पढ़ सकता है पर बोलता नहीं है।
जो बोलता नहीं है उसके बारे में कई लोग हमें बताते हैं। ईश्वर के प्रवक्ता हैं। ये मनुष्यों को बताते हैं कि ईश्वर क्या चाहता है। वो मनुष्य को किस रूप में प्यार करता है। ईश्वर कैसा दिखता है। कहां रहता है। क्या बोलता है। क्या खाता है। क्या पहनता है। ऐसा भ्रम होने लगता है कि अभी कल ही ईश्वर से मिल कर आ रहे हैं। स्वर्ग और नर्क का आंखों देखा हाल ये रोज बताते हैं। सभी भगवानों की सभी लीलाओं का आंखों देखा हाल ये सुनाते हैं। यही ईश्वर के सोल एजेन्ट हैं। यही ईश्वर के संदेश देते हैं। यही बताते हैं कि ईश्वर ने कहा है कि इस चुनाव में किसे राजा बनाना है। किसे वोट देना है। इनके श्रोता इनसे यही सुनने आते हैं और प्रवचन-कथा-भागवत सुनने के पहले और बाद में ये भक्त बिलकुल नहीं बदलते। जो कर्म कुकर्म प्रवचन सुनने के पहले करते थे वही सुनने के बाद करते हैं। भक्तों की ऐसी ट्रेनिंग है कि उन्हें कोई तर्क, कोई सच्चाई प्रभावित नहीं करती।
यह भारत देश कितना भाग्यवान है। यहां कितने देवी देवता जन्म लेते हैं और यहीं रहे आते हैं। न जाने कितने युग बीत गये पर परमेश्वर ने कोई अवतार नहीं लिया था। मगर इसी साल अभी 2024 के मई माह में अचानक दुनिया को पता चला कि हमारे बीच में एक ऐसा आदमी है जिसे पहले लगता था कि शायद उसकी मां ने उसे जन्म दिया है। उसे शक तो पहले से ही हो रहा था। मगर जब गंगा किनारे वो खड़ा हुआ तो उसे ज्ञान प्राप्त हुआ कि नहीं वह तो अजर अमर अविनाशी है क्योंकि वह बायोलॉजिकल पैदावार नहीं है यानी वो हाड़ मांस का पुतला नहीं है। तब उसे पूरा विश्वास हो गया कि उसे परमात्मा ने किसी काम विशेष के लिए इस धरा पर भेजा है। वो तो परमात्मा का अवतार है। उन्हें भले ही चुनावों के चलते बर्राते हुए यह बात ध्यान में आई हो परंतु डोरीलाल को उसी समय शक हुआ था जब इन्होंने भारत के लिए आगामी एक हजार वर्षों की योजना पेल दी थी। ऐसा जबरदस्त फांकू विजन किसी अवतारी पुरूष का ही हो सकता है। फिर एक छोटा विजन और आया कि एक हजार साल के अलावा हमारा लक्ष्य 2047 यानी आज से 25 साल बाद का है। अभी अवतारी बाबा 75 साल के हो रहे हैं। 25 साल बाद सौ साल के हो जाएंगे। मगर परमात्मा के भेजे हुए हैं इसलिए 100 क्या हजार साल भी धरती पर रहे आएंगे।
डोरीलाल पूछते हैं कि जब आपको मालूम है कि वो यानी ईश्वर सब देख रहा है। वो सब सुन रहा है। वो सबको समझ रहा है। तो फिर उसको धोखा कैसे दे सकते हो। तुम चाहे केदारनाथ में जाकर बैठो चाहे कन्याकुमारी में जाकर बैठो। वो ईश्वर तो तुम्हें देख रहा है। तुम्हारे कर्मां का एक्स रे कर रहा है। तुम चाहे 18 घंटे ध्यान करो चाहे 45 घंटे ध्यान करो। चाहे 10 कैमरे लगाओ चाहे 40 फोटोग्राफर लगाओ वो तो तुम्हें सीधे देख रहा है। वो तो तुम्हारा हिसाब कर लेगा।
मगर इस जनता का क्या करें। उसे सब सही लगता है। हमारे राजा को उसके दरबारी कभी विष्णु का अवतार बताते हैं कभी ब्रह्मा का। जनता ईमानदारी से मानती है। जैसा राजा वैसी प्रजा। हमारी प्रजा सदियों से अवतारों के भरोसे जीवन काट रही है। गली गली में ईश्वर बैठे हैं। ईश्वर के प्रवक्ता बैठे हैं। उनका एंटेना लगातार ईश्वर के संदेश ग्रहण कर रहा है। उधर संदेश आया इधर प्रसारित हुआ। ये चुनाव कार्यालय 365 दिन चालू रहते हैं।
इस बीच खबर आई कि 45 घंटे की साधना पूरी हो गई। विवेकानंद जी ने चैन की सांस ली। कोई आदमी आपके सामने आकर डट जाए। दस दस कैमरे लगा ले तो आपकी क्या हालत होगी। न आप चैन से बैठ सकते न खा सकते न सो सकते। उस पर से वो लगातार शूटिंग करवाये जा रहा है। खबर आई है कि समुद्र की लहरों की बीच से ’ओमSSS चार सौ पार’ की ध्वनि उठ रही थी। विवेकानंद काफी परेशान रहे होंगे। ओम का जाप तो ठीक है मगर ये आदमी जो सामने कैमरा लगाए बैठा ध्यान करने की नौटंकी कर रहा है वो चार सौ पार चार सौ पार क्यों कर रहा है ?
इन महाशय का दावा है कि यही राम को लाए हैं। मगर उत्तर प्रदेश के पचास प्रतिशत मतदाता वोट डालने ही नहीं गये। ये क्या बात हुई। हम तुम्हारे लिए भगवान को ले आए और तुम वोट डालने नहीं गए। खैर कोई बात नहीं हार नहीं मानूंगा रार नहीं ठानूंगा। तुम वोटरों के भरोसे में पहले भी नहीं था। मैं चुनावतंत्र का सच्चा रक्षक हूं। अपने वोटों की व्यवस्था मैं कर लूंगा। तुम लोग वोट न डालो, वोट अपने आप परमात्मा डलवायेंगे। सब सैट है। लोग काम पर लगे हैं। कानून छुट्टी पर है। वो समर वेकेशन पर जा चुके हैं। वो नहीं लौटेंगे। जब तक अपनी गद्दीनशीनी नहीं हो जाती। बाकी अपना केंचुआ तंत्र काम पर मुस्तैद है। वो भी कह रहे हैं जो हमको लाए हैं हम उनको लाएंगे।
डोरीलाल गद्दीप्रेमी