डुमना एयरपोर्ट से सिर्फ चार उड़ानें,हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट से घटती फ्लाइट कनेक्टिविटी पर संज्ञान लिया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और एयरलाइंस कंपनियों से जवाब मांगा है।मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।
डुमना एयरपोर्ट (Dumna Airport) जबलपुर के सैकड़ों करोड़ रुपए से हुए विस्तार के बाद भी उड़ानों की संख्या कोरोना (Corona) काल से भी कम हो गई है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) के प्रशासनिक न्यायाधीश (Administrative Judge) संजीव सचदेवा और न्यायाधीश विनय सराफ की युगलपीठ ने केंद्र सरकार (Central government) और विमानन कंपनियों (Aviation Companies) से यह सवाल किया है कि जबलपुर, जो देश का भौगोलिक केंद्र है, वहां से अन्य शहरों के लिए एयर कनेक्टिविटी (Air Connectivity) को बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा है कि अगर डुमना एयरपोर्ट से ज्यादा फ्लाइट्स चलाने की जरूरत नहीं है, तो सरकार ने 500 करोड़ रुपये की लागत से एयरपोर्ट का विस्तार क्यों किया था। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और एयरलाइंस कंपनियों से दो हफ्तों में जवाब मांगा है।
नागरिक उपभोक्ता मंच ने दायर की याचिका
याचिका डॉ. पीजी नाजपाण्डे और रजत भार्गव द्वारा दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने कोर्ट में पक्ष रखा। राजनीतिक उपेक्षा के कारण जबलपुर एयरपोर्ट की फ्लाइट कनेक्टिविटी नहीं बढ़ाई जा रही है। कोरोनाकाल से पहले डुमना एयरपोर्ट से रोजाना 8 नियमित फ्लाइट्स का संचालन होता था लेकिन वर्तमान समय में केवल 4 फ्लाइट्स ही संचालित की जा रही हैं।